दिल्ली के विधानसभा चुनाव में हार के बाद क्या आम आदमी पार्टी (आप) को सांप सूंघ गया है? यह सवाल इसलिए कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने दिल्ली में महापौर का चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। यह चुनाव 25 अप्रैल को होना है।
‘आप’ के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि आम आदमी पार्टी ने एक महत्वपूर्ण फैसला किया है कि इस बार दिल्ली नगर निगम के मेयर चुनाव में अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी। भाजपा अपना मेयर बना ले। इसके बाद भाजपा अपनी स्टैंडिंग कमेटी बनाए और बिना किसी बहाने बनाए दिल्ली में ट्रिपल इंजन की सरकार चलाए और दिल्लीवालों को काम करके दिखाएं। उन्होंने कहा कि केंद्र, राज्य और निगम के अलावा एक इंजन उपराज्यपाल का भी है, जो कभी रूक जाता है तो कभी चलता है। ऐसे में दिल्ली में भाजपा के पास चार इंजन हाे जायेगा।
आतिशी ने जो कहा, वो भी जान लीजिए
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि भाजपा पूरे देश में जहां कहीं चुनाव हारती है, वहां साम, दाम, दंड, भेद अपना कर पिछले दरवाजे से सरकार बनाने की कोशिश करती है।पिछले ढाई साल से भाजपा ने एक के बाद एक आम आदमी पार्टी के पार्षदों पर दबाव बनाकर, उनको डरा-धमका कर तोड़ा और अपनी पार्टी में शामिल करवाया। आम आदमी पार्टी इस तरह की राजनीति नहीं करती है। आम आदमी पार्टी दिल्ली की जनता के जनादेश का सम्मान करती है। हम किसी भी विधायक या पार्षद को खरीदने-बेचने में विश्वास नहीं रखते हैं। आम आदमी पार्टी में इतनी तोड़फोड़ करने के बाद आज भाजपा की निगम के सदन में बहुमत में है, इसलिए आम आदमी पार्टी मेयर का चुनाव नहीं लड़ेगी।