Thursday, May 29, 2025
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गंदा है पर धंधा  है ये….  नकली और पायरेटेड माल का व्यापार तीन ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पंहुचा 

नकली और पायरेटेड सामानों का मूल्य वर्ष 2022 में 2.81 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर जाएगा। जिसका असर वाणिज्य और उद्योग, सरकारों, अर्थव्यवस्थाओं के साथ साथ बड़े पैमाने पर समाज पर पड़ेगा।  फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने यह चेतावनी दी है। 

फिक्की के अनुसार नकली और तस्करी की गतिविधियाँ विभिन्न देशों और क्षेत्रों में बहुत व्यापक हैं, जो वैश्विक स्तर पर कई अरब डॉलर के उद्योग का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो लगातार बढ़ रही हैं और अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित कर रही हैं।
फिक्की ने इस सामाजिक बुराई से लड़ने के लिए, ‘तस्करी, जालसाजी और अर्थव्यवस्था को नष्ट करने वाली चोरी के खिलाफ समिति (कैस्केड) के रूप में एक पहल की। ​​पिछले कुछ वर्षों में फिक्की-कैस्केड भारत के विभिन्न राज्यों में इस विषय पर सक्रिय बहस छेड़ने में सफल रहा है। तस्करी, जालसाजी और पायरेटेड सामानों के बढ़ते खतरे के बारे में जागरूकता बढ़ाने के अपने उद्देश्य के तहत, फिक्की-कैस्केड भारत के विभिन्न राज्यों में सेमिनार आयोजित कर रहा है।
इसी सिलसिले में फिक्की-कैस्केड ने केरल में 21 मई को ‘जालसाजी और तस्करी से निपटने के लिए सक्रिय दृष्टिकोण’ पर एक सेमिनार आयोजित करने की योजना बनाई है। केरल के उद्योग मंत्री पी. राजीव सेमिनार का उद्घाटन करेंगे।
फिक्की कैस्केड के सलाहकार और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के पूर्व अध्यक्ष पी सी झा और फिक्की कैस्केड के सलाहकार और नई दिल्ली के पूर्व विशेष पुलिस आयुक्त दीप चंद भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। फिक्की-केरल के सहायक निदेशक रंजीत आर ने कहा कि सीमा शुल्क, पुलिस, व्यापार और उद्योग विभाग के उच्च पदस्थ अधिकारियों सहित प्रतिष्ठित हस्तियां भी प्रतिभागियों को संबोधित करेंगी। इन जागरूकता कार्यक्रमों में नीति निर्माताओं, विभिन्न क्षेत्रों के उद्योग, उपभोक्ता अधिकार कार्यकर्ताओं, युवाओं, पुलिस, सीमा शुल्क, सीमा सुरक्षा अधिकारियों द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया जाता है। फिक्की-कैस्केड उपभोक्ताओं के अधिकारों और हितों की रक्षा के अपने दृष्टिकोण में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के साथ भी जुड़ता है।
(लोकदेश डेस्क/एजेंसी। तिरुवनंतपुरम)