Saturday, May 10, 2025
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विष्णुदेव सरकार का और कड़ा रुख; कहा-नहीं रोका जाएगा ऑपरेशन कगार

छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय की सरकार नक्सलियों के खिलाफ चल रहे निर्णायक अभियान को किसी भी सूरत में वापस नहीं लेगी।

साय ने एक दिन पहले ही राज्य की तेलंगाना से लगी सरहद पर नक्सलियों के सफाए के लिए जान पर खेल रहे सुरक्षाबलों का आभार जताया था।

बुधवार को गृह मंत्री विजय शर्मा ने दो टूक कहा, ‘यह अभियान नहीं रोका जाएगा। जब राज्य के भोले-भाले आदिवासी मारे जा रहे थे, तब किसी को तकलीफ नहीं हुई, अब जब तेलंगाना के लोग उलझ रहे हैं और नक्सलियों के टॉप कमांडर की जान पर बन आई है, तब शांति वार्ता की बात कही जा रही है।’ 

इस बीच सुरक्षाबलों को  ऑपरेशन कगार में तब बड़ी सफलता मिली, जब उन्होंने नक्सलियों का गढ़ माने जाने वाले करैगुट्टा पहाड़ पर भी कब्जा कर लिया।

इसे नक्सलियों के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है।

सुरक्षाबलों के  करीब पांच हजार जवान तेलंगाना की सीमा पर नक्सलियों के खात्मे के लिए जुटे हुए हैं। भीषण गर्मी में कई जवानों के बीमार होने की खबर के बीच भी ऑपरेशन कगार जारी है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने किया था विरोध 

तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने हाल ही में ऑपरेशन कगार का यह कहते हुए विरोध किया था कि इसकी आड़ में निर्दोष युवाओं को प्रताड़ित किया जा रहा है।

राव ने केंद्र सरकार से तुरंत यह ऑपरेशन रोकने की मांग की थी।

इधर रायपुर में उप मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा, ‘छत्तीसगढ़ के भोले -भाले आदिवासियों को नक्सली बना दिया गया और उन्हें आंध्रप्रदेश-तेलांगाना के माओवादी कंट्रोल कर रहे थे। जब बस्तर के नक्सली मारे जा रहे थे तब आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के माओवादी शांत थे। जब हमारे सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के बड़े कमांडरों को घेर लिया तब उन्हें शांति वार्ता की याद आ रही है। अगर नक्सली वार्ता चाहते हैं, तो वे स्पष्ट करें कि उनकी तरफ से बातचीत करने वाला प्रतिनिधि कौन होगा?”

गृहमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार नक्सलियों के आत्मसमर्पण के लिए तैयार है, लेकिन हिंसा बंद किए बिना वार्ता नहीं होगी। उन्होंने कहा, “हम शांति चाहते हैं, लेकिन आतंक के आगे झुकेंगे नहीं।’

(लोकदेश डेस्क। रायपुर)