Tuesday, April 29, 2025
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बच्चों के साथ नहाने गया चौदह साल का किशोर कुएं में डूबा, मौत

करीब बीस फीट गहरे पानी में बीस मिनट की मशक्कत के बाद गोताखोरों ने निकाली लाश
भोपाल।
कटारा हिल्स थाना क्षेत्र स्थित सेज यूनिवर्सिटी के सामने बर्रई गांव के कुएं में डूबने से चौदह साल के किशोर की मौत हो गई। किशोर बुधवार दोपहर अपने मोहल्ले के दोस्तों के साथ यहां खेत में बने कुएं में नहाने पहुंचा था, तभी वह गहरे पानी में डूब गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से लाश बाहर निकालनी चाही थी, लेकिन असफलता ही हाथ लगी। गहरा पानी होने के कारण पुलिस को नगर निगम के गोताखोरों को बुलाना पड़ा गोताखोरों ने करीब बीस मिनट की मशक्कत के बाद किशोर की लाश बाहर निकाल ली। लाश पीएम के लिए एम्स भेजी गई है। आज गुरुवार को उसका पीएम कराया जाएगा। पुलिस के अनुसार संतोष अहिरवार पिता राजमल अहिरवार (14) बर्रई गांव कटारा हिल्स में रहता था और सातवीं कक्षा में पढ़ता था। संतोष अक्सर मोहल्ले के बच्चों के साथ सेज यूनिवर्सिटी के सामने खेत में बने कुएं में नहाने जाता था। कुएं के पास आम के पेड़ भी लगे हुए है। बच्चे इसी पेड़ से कच्ची केरी तोड़कर खाते हैं और पास बने कुएं में नहाते हैं। बुधवार दोपहर संतोष गांव के चार अन्य दोस्तों के साथ कुएं पर नहाने गया था। नहाते समय वह कुएं के गहरे पानी में डूब गया। उसके साथ मौजूद बच्चे वहां से भागकर घर पहुंचे और परिजन को घटना की जानकारी दी। परिजन कुएं के पास पहुंचे और तैरना जानने वाले स्थानीय लोगों से मदद मांगी, लेकिन पानी गहरा होने के कारण असफलता ही हाथ लगी। इधर पुलिस को भी सूचना मिल गई थी। पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और नगर निगम के गोताखोर को बुलाया गया। गोताखोरों ने करीब बीस मिनट की मशक्कत के बाद संतोष का शव पानी से बाहर निकाल लिया।
मुंह में फंसी मिली केरी
संतोष की लाश बाहर निकालने के बाद पीएम के लिए मर्चूरी भेज दी गई है। लाश बाहर निकालने पर संतोष के मुंह में केरी फंसी हुई मिली। केरी खाने के बाद उसने कुएं में छलांग लगाई थी। मुंह खुला होने के कारण पानी भराया और वह डूब गया।
मां का रो रोकर बुरा हाल, सदमें में धमकी देती रही
घटना की जानकारी मिलते ही संतोष की मां और रिश्तेदार मौके पर पहुंच गए थे। वे गिड़गिड़ा रहे थे कि संतोष को जल्द बाहर निकाल लो, लेकिन पानी करीब 20 फीट गहरा और मटमैला होने के कारण गोताखोरो को संतोष की लाश नहीं मिल रही थी। गल भी डाला गया, लेकिन लाश बाहर नहीं आई। इस दौरान मां को रो रोकर बुरा हाल हो गया। वह सदमे में कहते रही कि इतने सारे लोग खड़े हैं, लेकिन कोई भी मेरे बच्चे को कुएं से बाहर नहीं निकाल रहा है।