
भोपाल। मिजोरम के राज्यपाल एवं पूर्व थलसेनाध्यक्ष जनरल विजय कुमार सिंह ने कहा कि वर्तमान समय की आवश्यकता को देखते हुए युवाओं का सजग होना अत्यंत आवश्यक है। सजगता अनुशासन से आती है। पूर्व में अखबार में छपी खबर को ही सच मान लिया जाता था किन्तु वर्तमान में वाट्सअप पर संचालित चीजों को ही सच मान लिया जाता है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि हमने पहलगाम की ह्रदय विदायक घटना के तुरंत बाद सिंधु जल संधि को रद्द कर दिया। किंतु सोशल मीडिया पर कई जगह नदियों के जल के प्रवाहित होने के फेक वीडियो प्रसारित किए जा रहे हैं। आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के युग में किसी से कुछ भी करवाया जा सकता है। इससे बचाव एवं सजगता में युवाओं की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए सजगता बहुत जरूरी है।
जनरल वीके सिंह रविवार को उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय में “राष्ट्रीय सुरक्षा में युवा संगठनों की भूमिका” विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में एनसीसी, एनएसएस के कैडेट्स व विद्यार्थियों और गणमान्य नागरिकों को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा केवल सीमाओं की सुरक्षा नहीं अपितु आंतरिक सुरक्षा भी है। उन्होंने हमारी विदेश नीति का उदाहरण देते हुए कहा कि 2014 से पूर्व मंत्री स्तर का डेलिगेशन विदेश नहींं जाता था। किंतु डेढ़ साल में ही 192 देशों मे भारत का डेलिगेशन गया जिसका परिणाम यह हुआ कि जब इंटरनेशनल कोर्ट के निर्वाचन के समय हमने तय किया की हम भी हमारा प्रत्याशी चुनाव में उतारेंगे। तब ब्रिटेन जो कि स्थाई सदस्य था के प्रत्याशी को वोट न देकर हमारे जस्टिस भंडारी को जिताया। यह हमारी विदेश नीति का प्रत्यक्ष उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि कोविड का समय हो या रूस-युक्रेन युद्ध के समय हो हम हमारे छात्रों को वापस अपने वतन ला पाए। यह हमारी विदेश नीति ही थी जो युद्ध को रोककर भी हमारे नागरिको को निकालकर लाने में सफल रहे। हमारा कोई दुश्मन नहीं चाहे रूस, युक्रेन हो या फिलिस्तीन, इजराइल हो सभी से हमारे अच्छे संबंध है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म ने कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं किया, एक डेलिगेशन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जब डेलिगेशन इजराइल गया तो अल अक्सा मस्जिद के सामने सर झुकाया, आगे जाने पर यहुदियों के धार्मिक स्थल वेस्टर्न वॉल के समाने भी वैसा ही किया व चर्च के सामने भी वैसा ही किया। तो उनसे पूछा कि तुम्हारा धर्म क्या है इस पर सैनिकों ने कहा कि सनातन धर्म हमारा धर्म है व सब धर्मों का हम सम्मान करते हैं।
जनरल वीके सिंह ने युवाओं को राष्ट्रीय सुरक्षा में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि युवा संगठन, विशेषतः एनसीसी और एनएसएस, राष्ट्र निर्माण की नींव हैं। उन्होंने आर्थिक और सामाजिक विकास की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि आत्मनिर्भरता और उद्यमिता ही भविष्य के भारत का मार्ग प्रशस्त करेगी। उन्होंने सनातन धर्म के सार्वभौमिक सिद्धांतों- सभी धर्मों के प्रति आदर और प्रेमभाव- का उल्लेख करते हुए बताया कि सनातन जीवन दृष्टि भारतीय समाज को समरसता और सहिष्णुता प्रदान करती है।
जनरल सिंह ने अपने विदेश मंत्रालय के कार्यकाल के अनुभव साझा करते हुए कहा कि भारत वैश्विक मंच पर तेजी से एक मजबूत राष्ट्र के रूप में उभर रहा है और इसमें युवाओं की सजग भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने एनसीसी कैडेट्स द्वारा प्रस्तुत गार्ड ऑफ ऑनर की प्रशंसा की और एनसीसी संगठन को युवा व्यक्तित्व निर्माण तथा राष्ट्रीय चरित्र सृजन का महान प्रशिक्षण केंद्र बताया। उन्होंने अपने वक्तव्य में भारतीय सेना में अपने अनुभव साझा करते हुए युवाओं को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित किया। उन्होंने राष्ट्रीय एकता और सांप्रदायिक सौहार्द को भारत की असली शक्ति बताते हुए कहा कि भारत की विविधता में निहित एकता, हमारी पहचान का अभिन्न अंग है।
व्याख्यान का शुभारंभ मां सरस्वती पूजन व राष्ट्रगान से प्रारंभ हुआ। शुभारंभ के दौरान विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अर्पण भारद्वाज ने मंच से मुख्य अतिथि तथा सभी गणमान्य अतिथियों का आत्मीय स्वागत किया। प्रो. भारद्वाज ने विश्वविद्यालय की समृद्ध परंपरा एवं उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि विक्रम विश्वविद्यालय को हाल ही में 100 करोड़ रुपये का शासकीय अनुदान प्राप्त हुआ है। विश्वविद्यालय गुफाओं और पुरातत्व, कृषि विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी, जैवरसायन एवं प्राणी विज्ञान के क्षेत्रों में उत्कृष्ट अनुसंधान कर रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय के बढ़ते अकादमिक स्तर, वैज्ञानिक प्रगति और शोध प्रयासों को इसकी प्रमुख विशेषताएँ बताया।