प्रतियोगी परीक्षाओं के लिहाज से कोचिंग सेंटर्स का गढ़ बन चुके राजस्थान के कोटा में एक और स्टूडेंट ने जान दे दी है
मृतका मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले की रहने वाली है. उसे रविवार को आयोजित परीक्षा नीट में शामिल होना था, लेकिन बीती शाम उसने कोटा में अपने घर में फांसी लगाकर ख़ुदकुशी कर ली.
17 साल की छात्रा ने कोटा की एक कॉलोनी में रह रही थी. बेटी का मेडिकल में भविष्य बनाने के लिए उसके माता-पिता ने कोटा में ही अपना निवास बना लिया था.
शनिवार की रात करीब नौ बजे छात्रा ने कमरे में स्कार्फ का फंदा बनाकर जान दे दी. उस समय माता-पिता घर पर ही थे. जिन्होंने बाद में उसका शव देखा।
कोटा में इस साल (2025) में अब तक यह 14 वीं आत्महत्या है. बीते साल यहां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 17 विद्यार्थियों ने भी जान दे दी. कोटा पढाई के दबाव के लिए कुख्यात है. जानकार यह भी मानते हैं कि बच्चों के ऊपर माता-पिता का भी इतना अधिक दबाव होता है कि वे परीक्षा में सफल न होने की आशंका को बर्दाश्त करने की जगह आत्महत्या कर लेते हैं.
मामला शहर के कुन्हाड़ी थाना इलाके का है. छात्रा पार्श्वनाथपुरम इलाके में पूरे परिवार के साथ रह रही थी. वह यहां रखकर बीते दो साल से नीट की तैयारी कर रही थी. हालाँकि उसके पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है.
हाल ही में नीट की तैयारी कर रहे एक छात्र ने भी कोटा में जान दी थी और उसका शव अपने हॉस्टल के कमरे में पंखे से लटका मिला था। मृतक तमीम इकबाल 11वीं कक्षा का छात्र था और करीब 20 दिन पहले ही कोटा आया था। उसने यहां एक कोचिंग संस्थान में नीट की तैयारी के लिए एडमिशन लिया था।