
मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड में भारतीय जनता पार्टी की सीनियर सांसद लता वानखेड़े ने अपने सभी सांसद प्रतिनिधियों की नियुक्ति रद्द कर दी है. लता वानखेड़े सागर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी प्रतिनिधित्व करती हैं.
सागर और विदिशा जिले के कलेक्टरों को लता वानखेड़े ने इस बारे में पत्र लिखा है. पत्र में इस निर्णय का कारण आंतरिक संरचना में सुधार और संगठनात्मक विषय बताए गए हैं. वानखेड़े ने ये प्रतिनिधि इन जिलों के सरकारी दफ्तरों में नियुक्त किए थे.
ऐसा तब हुआ है, जब हाल ही में वानखेड़े के एक प्रतिनिधि पर नाबालिग बच्चों के साथ मारपीट के आरोप लगे हैं. सांसद के लिए फैसले को इस मामले से ही जोड़कर देखा जा रहा है.
लता वानखेड़े के लिए सागर जिले में उनके समर्थक पहले भी मुसीबत की वजह बन चुके हैं. बीते साल सितंबर में एक वीडियो वायरल हुआ था. इसमें सागर में वानखेड़े के समर्थक कथित रूप से उन्हें बता रहे थे कि किस तरह से सांसद एक चुनाव में उन्होंने गलत वोटिंग कराई थी.
बीते अगस्त में ही वानखेड़े से जुड़ा एक अन्य वीडियो भी वायरल हुआ था. इसमें उन्हें लोग बता रहे थे कि उनका एक ख़ास कार्यकर्ता न सिर्फ कांग्रेस से जुड़ा हुआ है, बल्कि वो राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज चौहान के बेटे पर हमले की साजिश में भी शामिल था. शिवराज वर्तमान में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में कृषि मंत्री हैं.
बुंदेलखंड में भाजपा के लिए यह अपने आप में दूसरा ऐसा वाकया है. लता वानखेड़े से पहले टीकमगढ़ से सांसद वीरेंद्र कुमार खटीक को भी अपने सभी सांसद प्रतिनिधियों की नियुक्ति रद्द करना पड़ गई थी.
खटीक केंद्र सरकार में मंत्री हैं. उनके रिकॉर्ड संख्या में तीन सौ से अधिक प्रतिनिधियों को लेकर भाजपा के ही कई स्थानीय विधायक नाराज थे.