
खेल-कूद की बात में शतक यानी सौ का आंकड़ा क्रिकेट के लिए इस्तेमाल होता है, लेकिन इस खबर में शतक का वह अर्थ भी मौजूद है, जो भले ही क्रिकेट से न जुड़ा हो, लेकिन खेल जगत में भारत के लिए उसका खासा महत्व हो गया है.
बात हो रही है चार गुणा 100 मीटर रिले रेस की. बात यह कि भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) दक्षिण कोरिया के गुमी में एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में मिले-जुले प्रदर्शन के बाद महासंघ पुरुषों और महिलाओं की चार गुणा 100 मीटर रिले स्पर्धा के लिए मजबूत टीमों को तैयार करने पर ‘विशेष ध्यान’ देगा।
यह सोच भारतीय महिलाओं की चार गुणा 100 मीटर रिले टीम के मजबूत प्रदर्शन के बाद आई है। अभिनया राजराजन, स्नेहा एसएस, श्राबनी नंदा और नित्या गंधे की भारतीय चौकड़ी ने इस सत्र का सर्वश्रेष्ठ 43.86 सेकंड का समय लेकर को रजत पदक हासिल किया।
एएफआई के प्रवक्ता आदिल जे सुमरिवाला ने इस बारे में एक बैठक के हवाले से कहा, ‘हमने जिन बातों पर चर्चा की है उनमें से एक यह है कि हम चार गुणा 100 मीटर पुरुष और महिला रिले पर विशेष ध्यान देने जा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम इन दोनों रिले को लंबे समय से बेहतर तरीके से नहीं कर पा रहे थे लेकिन अब हम अच्छी स्थिति है। हमारे पास अच्छी संख्या में खिलाड़ी है जो चार गुणा 100 मीटर रिले में भाग लेने में सक्षम हैं। इस में पुरुष और महिला दोनों शामिल हैं। हम अब इस पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।’’
बता दें कि गुमी में प्रणव प्रमोद गौरव, रागुल कुमार गणेश, मणिकांत होबलीधर और अमलान बोरगोहेन भारत की पुरुष चार गुणा 100 मीटर रिले टीम को इससे पहले गलत ‘बैटन एक्सचेंज’ के कारण नियम 24.7 का उल्लंघन करने पर अयोग्य घोषित कर दिया गया था। यह टीम क्वालीफाइंग दौर में अपनी हीट में दूसरे स्थान पर थी।
भारत ने 2017 (भुवनेश्वर में तालिका में शीर्ष स्थान पर) के बाद इस प्रतियोगिता में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। टीम ने आठ स्वर्ण, 10 रजत और छह कांस्य के साथ पदक तालिका में चीन के बाद दूसरे स्थान पर रही।
(लोकदेश डेस्क/एजेंसी। नई दिल्ली)