
दुनिया के दिग्गज उद्योगपतियों के रूप में भारत की शान के प्रतीकों में शामिल मुकेश अंबानी के परिवार की हिफाज़त के खिलाफ याचिका दायर करने वालों को सुप्रीम कोर्ट में मुंह की खाना पड़ गई है.
बात यह कि देश की सबसे बड़ी अदालत ने उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनके परिवार को दी गई जेड-प्लस श्रेणी की सुरक्षा वापस लेने के अनुरोध को शुक्रवार को ठुकरा दिया और आवेदक को भविष्य में ऐसा आवेदन करने के खिलाफ चेतावनी दी।
न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति मनमोहन की अंशकालीन कार्य दिवस पीठ ने बिकाश साहा की गुहार अस्वीकार करने का आदेश पारित किया।
शीर्ष अदालत ने इस संबंध में अपने पिछले आदेश को दोहराते हुए कहा कि मुकेश अंबानी, उनकी पत्नी नीता अंबानी और बच्चों अनंत, आकाश और ईशा को जेड-प्लस श्रेणी की सुरक्षा जारी रहनी चाहिए।
अदालत ने स्पष्ट किया कि अंबानी परिवार को यह सुरक्षा देश-विदेश में सुरक्षा प्रदान करने की व्यवस्था बनी रहेगी।
सुरक्षा व्यवस्था पर आने वाला खर्च पहले की तरह अंबानी परिवार उठाएगा। अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि आवेदक (साह) को सरकार द्वारा प्रदान की गई सुरक्षा को चुनौती देने का कोई अधिकार नहीं है।
(लोकदेश डेस्क/एजेंसी। नई दिल्ली/मुंबई)