
मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात पाकिस्तान की हमेशा के लिए नींद उड़ा दी गयी. भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवादियों के आका और उनके ठिकानों को ऐसे ख़त्म किया कि दुश्मन देश तिलमिला कर रह गया है. तो जानते हैं कि इस ऑपरेशन के लिए महज 25 मिनट में हमारी सेना के वीर जवानों ने कैसे एक-एक सेकंड का इस्तेमाल किया और खुद की जान पर खेलते हुए दुश्मन के दांत खट्टे कर दिए. पहलगाम में निर्मम आतंकवादी हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादियों को चुन चुन कर मारने के सरकार के संकल्प को पूरा करने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों ने मंगलवार देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर में 25 मिनट तक ताबड़तोड़ हमले कर नौ आतंकवादी ठिकानों को पूरी तरह ध्वस्त कर आतंकवादियों के नेटवर्क की कमर तोड़ दी।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री, सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायु सेना की विंग कमांडर व्याेमिका सिंह ने बुधवार को यहां राष्ट्रीय मीडिया केन्द्र में देश को छह और सात मई की दरमियानी रात को एक बज कर पांच मिनट से डेढ़ बजे तक चले ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी दी। ब्रीफिंग से पहले एक स्लाइड में बताया गया कि पाकिस्तान कई दशकों से आतंकवाद को बढावा दे रहा है और आतंकवादियों के हमलों में अब तक करीब 350 आम लोग और 600 से अधिक सुरक्षाकर्मी मारे गये हैं।
ऑपरेशन सिंदूर में जिन नौ ठिकानों को निशाना बनाया गया है उनमें से चार पाकिस्तान में और पांच पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर में हैं। इन ठिकानों पर आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय, भर्ती , प्रशिक्षण केन्द्र और लांच पैड़ हैं।
श्री मिस्री ने जोर देकर कहा कि बीती रात सीमापार की गई कार्रवाई नपी तुली, गैर उकसावे वाली एवं जिम्मेदाराना थी जिसका उद्देश्य आतंकवादी ढांचे को नेस्तनाबूद करना और आतंकवादियों को आगे किसी भी ऐसी हरकत के लिए अक्षम बनाना था। इस कार्रवाई में पाकिस्तान के किसी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया। इसमें निर्दोष लोगों की जान नहीं गयी और न ही उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई 25 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पहलगाम हमले के बाबत जारी बयान की भावना के अनुरूप है।
विदेश सचिव ने कहा, “पाकिस्तान आधारित आतंकवादी मॉड्यूल पर हमारी खुफिया निगरानी से संकेत मिला था कि भारत पर आगे भी हमले हो सकते हैं, अत: इन्हें रोकना और इसने निपटना दोनों को बेहद आवश्यक समझा गया। आज सुबह भारत ने इस तरह के सीमा पार हमलों का जवाब देने और उन्हें रोकने तथा उनका प्रतिरोध करने के अपने अधिकार का प्रयोग किया है।”
श्री मिस्री ने कहा कि 25 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रेस वक्तव्य में टीआरएफ (दि रज़िस्टेंस फ्रंट) के संदर्भ को हटाने के लिए पाकिस्तान के दबाव पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। पहलगाम आतंकी हमले की जांच से पाकिस्तान के साथ आतंकवादियों के संपर्क उजागर हुए हैं।
विदेश सचिव ने पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि की पूरी जानकारी दी और कहा, “22 अप्रैल 2025 को लश्कर-ए-तैयबा से संबंधित पाकिस्तानी और पाकिस्तान प्रशिक्षित आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हमला किया और 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की हत्या कर दी…उन्होंने लोगों को उनके परिवार के सदस्यों के सामने सिर में गोली मारी। परिवार के सदस्यों को जानबूझकर आघात पहुंचाया गया और उन्हें नसीहत दी गई कि वो वापस जाकर इस संदेश को पहुंचा दें। यह हमला स्पष्ट रूप से जम्मू-कश्मीर में बहाल हो रही सामान्य स्थिति को बाधित करने के उद्देश्य से किया गया था।”
(लोकदेश डेस्क/एजेंसी। नई दिल्ली)