Sunday, May 11, 2025
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ऑपरेशन सिंदूर: ट्रंप के ‘ट्रंप’ कार्ड को काट दिया इजरायल ने? भारत की कार्यवाही का खुलकर किया समर्थन 

अभी पाकिस्तान और उसके नाजायज़ कब्जों वाले ठिकानों पर भारतीय हमले की गूँज थमी भी नहीं थी कि वाशिंगटन में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मीडिया से कहा, ‘ इसके बारे में अभी सुना, मुझे लगता है कि हम जानते थे कि कुछ होने वाला है।’ 

ट्रंप ने यह ऑपरेशन सिंदूर के लिए ‘शर्मनाक’ का प्रयोग भी किया।

अमेरिका हमेशा विश्व चौधरी बनने की फिराक में रहता है. इसलिए डोनाल्ड ट्रंप का यह कथन वाशिंगटन की इस कोशिश का हिस्सा हो सकता है कि उसके समर्थक/आश्रित/पिछलग्गू देशों को ट्रंप की बात से इस मसले पर एक ‘लाइन’ मिल जाए. 

इधर ट्रंप का कथन चर्चा में आया और उधर इजरायल ने अपनी अलग लाइन खींच दी और खुलकर ऑपरेशन सिंदूर का समर्थन कर दिया है. 

भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में अपने देश का समर्थन व्यक्त किया।

 हैशटैग ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के साथ अजार ने लिखा, “इजरायल भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता है। आतंकवादियों को ज्ञात होना चाहिए कि निर्दोषों लोगों के खिलाफ उनके जघन्य अपराधों से बचने के लिए उनके पास छिपने की कोई जगह नहीं है।”

तो क्या ट्रंप के ट्रंप कार्ड को अमेरिका के ही विश्वसनीय देशों में गिने जाने वाले इजरायल ने ही काट दिया है? 

भारत में लगभग सभी सियासी दलों ने आपसी मतभेद को दूर करते हुए इस मसले पर सेना का समर्थन किया है. उन्होंने सेना के शौर्य की खुले दिल से तारीफ़ भी की है. 

पहलगाम के आतंकी हमले के पीड़ित परिवारों ने भी केंद्र सरकार के इस कदम का स्वागत किया। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह भी चाह रहे हैं कि आतंकियों के असली आकाओं को ख़त्म किया जाए. 

‘आकाओं’ से मुख्य आशय पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर से है. मुनीर पर आरोप है कि उन्होंने ही आतंकी संगठनों के साथ मिलकर पहलगाम नरसंहार की साजिश को अंजाम दिया

पहलगाम में 22 अप्रैल, 2025 को आतंकवादियों ने 26 गैर-मुस्लिमों की जान ले ली थी. उन्होंने पहले लोगो से उनका धर्म पूछा और फिर उन्हें गोली मार दी.

ऑपरेशन सिन्दूर के माध्यम से भारत ने पाकिस्तान को पहलगाम के लिए जोरदार सबक सिखाया है. भारतीय कार्यवाही में कम से कम सौ आतंकवादी ढेर कर दिए गए हैं.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ  ने इस हमले को युद्ध  की कार्यवाही कहते हुए बदला लेने की बात कही है. 

(लोकदेश के लिए रत्नाकर त्रिपाठी की रिपोर्ट)