
अमेरिका जो नहीं कर पाया जापान ने कर दिखाया, बना डाला भविष्य का हथियार ‘रेलगन’, चीनी हाइपरसोनिक मिसाइल भी होगी फेल
अमेरिका बंद कर चुका है प्रोजेक्ट, चीन की कोशिश जारी
जापान के नये हथियार को लेकर चीन ने जताई चिंता
टोक्यो: दूसरे विश्वयुद्ध के बाद हथियार बनाने वाली जापानी कंपनियां अगर हथियार बनाना बंद नहीं करतीं, तो आज जापान जैसी हथियार टेक्नोलॉजी कहीं नहीं होती। चीन का खतरा बढ़ने के बाद जापान एक बार फिर से हथियार बनाने की दुनिया में ना सिर्फ प्रवेश कर चुका है, बल्कि टेक्नोलॉजिकल चमत्कार भी कर रहा है। पिछले हफ्ते जापान ने एडवांस इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेल गन का समुद्री टेस्ट किया है, जिसे चीन और उत्तर कोरिया परेशान हो गये हैं। जापान ने अपने इस हथियार को चीन, उत्तर कोरिया और रूस की हाइपरसोनिक मिसाइलों का मुकाबला करने के लिए तैयार किया है। जापान की डिफेंस मिनिस्ट्री ने इस हफ्ते रेलगन की तस्वीरें जारी की हैं
रेलगन को नेक्स्ट जेनरेशन हथियार माना जाता है, जिसे इस महीने की शुरूआत में योकोसुका बंदरगाह में खर असुका पर समुद्री परीक्षण के लिए रवाना होने से पहले देखा गया था। आॅब्जर्वर्स का कहना है कि जापान अपनी एयर डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने के लिए ए़डवांस हथियारों का निर्माण कर रहा है। इसके साथ ही जापान के पास सबसे एडवांस हथियारों वाली नौसेना हो सकती हैं। रैंड कॉपोर्रेशन के एक वरिष्ठ अंतरराष्ट्रीय रक्षा शोधकर्ता टिमोथी हीथ के मुताबिक, इस तकनीक का जापानी विकास, चीन की लगातार अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने की वजह से लिया गया है।
जापान बनाया नेक्स्ट जेनरेशन हथियार ‘रेलगन’
टिमोथी हीथ के मुताबिक, चीन के पास बैलिस्टिक और हाइपरसोनिक मिसाइलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जापान ने इसे बनाया है। ये देश जापान को निशाना बना सकते हैं। हालांकि, पूर्व पीएलए प्रशिक्षक सोंग झोंगपिंग ने साउथ चायना मॉर्निंग पोस्ट से कहा कि पारंपरिक तोपखाने की तुलना में, विद्युत चुम्बकीय बंदूक लक्ष्यों पर हमला करने के लिए एक नए सिद्धांत का उपयोग करती है, और इसकी हमला करने की शक्ति और सटीकता काफी ज्यादा होती है। उन्होंने कहा कि अगर जापान इस प्रकार का हथियार विकसित करता है और इसे तैनात करता है, तो इसका मतलब होगा कि जापान एक आक्रामक रणनीति को शुरू कर चुका है, जो अन्य देशों और क्षेत्र के लिए खतरा काफी गंभीर होगा।
आपको बता दें कि जापान का रेल गन विकास कार्यक्रम 2016 में शुरू हुआ था। जबकि चीन समेत कई और देश इसे बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अभी तक बना नहीं पाए हैं। अमेरिकी नौसेना ने जहां थककर 2021 इस प्रोजेक्ट को छोड़ दिया था, वहीं चीन अभी भी रेलगन बनाने की कोशिश कर रहा है।
रेलगन को क्यों कहा जाता भविष्य का हथियार?
रेलगन एक विद्युतचुंबकीय हथियार प्रणाली है, जो पारंपरिक विस्फोटकों के बजाय विद्युतचुंबकीय फोर्स का इस्तेमाल करता है। इसके जरिए वो प्रोजेक्टाइल को हाईस्पीड से दागती है। JS Asuka पर स्थापित यह प्रणाली 40 मिमी स्टील प्रोजेक्टाइल को लगभग 2,500 मीटर/सेकंड (लगभग 5,600 मील/घंटा) की गति से दागने में सक्षम है, जो ध्वनि की गति से लगभग 6.5 गुना तेज है। इसका वजन करीब 8 टन है और इसके बैरल की लंबाई 20 फीट है। इसके प्रोजेक्टाइल का वजन 320 ग्राम और स्पीड 2500 मीटर प्रति सेकंड है। ये लड़ाकू विमान और हाइपरसोनिक मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है।