Friday, April 25, 2025
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बांग्लादेश कर सकता है म्यांमार पर हमला अमेरिका से मिला ईसाई देश बनाने का सिग्नल!


भारत के पड़ोस में नया देश बनाने का ग्रेट गेम
ढाका।

मई 2024 की बात है, जब बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के एक बयान ने दक्षिण एशिया में हलचल मचा दी थी। शेख हसीना ने दावा किया था कि बांग्लादेश और म्यांमार के बीच पूर्वी तिमोर जैसा ईसाई देश बनाने की कोशिश हो रही है।
इसके साथ ही बताया कि उन्हें बांग्लादेशी क्षेत्र में विदेशी एयरबेस बनाने की अनुमति देने की मांग की गई थी, और वादा किया गया था कि ऐसा करने पर उन्हें बिना किसी परेशानी के शासन करने दिया जाएगा।
हालांकि, हसीना ने उस देश का नाम नहीं बताया, लेकिन प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह एक व्हाइट मैन (गोरे व्यक्ति) की तरफ से आया था। हसीना ने दावा किया था कि वो ऐसा नहीं होने देंगी। लेकिन इस बयान के बाद सिर्फ चार महीने में ही ऐसे हालात बने कि हसीना को न सिर्फ प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी, बल्कि आनन-फानन में देश छोड़कर भागना पड़ा।

हसीना के बयान के महज एक साल के भीतर ही बंगाल की खाड़ी में वो ग्रेट गेम शुरू हो गया है, जिसकी उन्होंने आशंका जताई थी। कभी जिस बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के रूप में शेख हसीना ने जिस खेल को रोकने का वादा किया था, आज उसी बांग्लादेश की सेना खेल की सबसे प्रमुख खिलाड़ी बन चुकी है। ये पूरा खेल अमेरिका के इशारे पर हो रहा है। अमेरिका के ग्रेट गेम में तीन और खिलाड़ी हैं। ये तीनों वो हैं, जो कभी एक दूसरे के दुश्मन थे, लेकिन अब अमेरिका की अगुवाई में ये सब एक साथ लड़ेंगे।
भारत के पड़ोस में नया देश
ये सारी योजना भारत के बिल्कुल पड़ोस में एक नया देश बनाने की है, जो म्यांमार के रखाइन प्रांत से शुरू होगा। इस योजना में सबसे बड़ी बाधा बन रही शेख हसीना अब बांग्लादेश के परिदृश्य से गायब हैं। उनकी जगह मोहम्मद यूनुस को बिठाया गया है, जिनकी छवि अमेरिका के पिछलग्गू से ज्यादा नहीं है। मोहम्मद यूनुस अमेरिकी योजना का हिस्सा हैं और इसमें बांग्लादेश की आर्मी अमेरिका की मदद करेगी। लेकिन मामला इतना सीधा नहीं है। म्यांमार की जुंटा के चीन और रूस से अच्छे रिश्ते हैं। चीन के बेल्ट एंट रोड इनिशिएटिव में म्यांमार शामिल है, तो जुंटा के पास रूसी लड़ाकू जेट और दूसरे हथियार हैं। यही वजह है कि पिछले दिनों जहां मोहम्मद यूनुस चीन गए थे, ठीक उसके बाद बांग्लादेश आर्मी चीफ रूस के दौरे पर गए थे।
रिपोर्ट बताती हैं कि बांग्लादेश चीन और रूस को म्यांमार में शुरू होने वाले सैन्य अभियान के बारे में समझाना चाहता है।
बांग्लादेश की सेना को किया जा रहा तैयार
बांग्लादेश की तीन डिवीजन इस सैन्य अभियान का हिस्सा बनने को तैयार हैं- 10वीं डिवीजन, 17 डिवीजन और 24 डिवीजन। बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में ड्रोन के लिए बेस तैयार किया जा रहा है। इसके साथ ही बंगाल की खाड़ी से लगे बांग्लादेश के टेकनाफ में सिलखाली के पास आर्टिलरी की पूरी यूनिट तैयार की जा रही है। सिलखाली को इसलिए चुना गया है, क्योंकि यहां पहले से ही बांग्लादेश आर्मी का अड्डा है।
इस जगह पर आर्टिलरी और एंटीजीएम (एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल) तैनात करने की योजना है। अगर म्यांमार की आर्मी आगे बढ़ती है तो उसको काउंटर करने के लिए एक हैवी आर्टिलरी सेंटर भी तैयार किया जा रहा है। बांग्लादेश और म्यांमार के बीच सीमा बनाने वाली नाफ नदी के बाद एक बड़ा अमेरिकी सप्लाई और लॉजिस्टिक डिपो तैयार किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक यह सप्लाई डिपो 11,000 हेक्टेयर से बड़ा है।