Friday, April 25, 2025
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पोप के शव को भी नहीं बख्शा उनके विरोधी ईसाइयों ने 

pope francis mourning

वेटिकन सिटी। ईसाइयों के सबसे बड़े धर्म गुरु पोप फ्रांसिस की मृत्यु में डूबे उनके अनुयायी तब स्तब्ध रह गए, जब पोप के आलोचकों में  शामिल एक शख्स ने वेटिकन सिटी के ही एक चर्च में घुसकर ‘उत्पात’ मचा दिया। 

मामला ऐसा है, मानो कि पोप के शव से ही दुश्मनी निकाली गई हो। क्योंकि चौंका देने वाला यह घटनाक्रम उस समय हुआ जब अमेजन के बिशप वेटिकन में जमा हुए थे, जहां पोप के अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही हैं।

हुआ यह कि पोप के लिए शोक जताए जाने के बीच एक व्यक्ति सुबह-सुबह पास के एक चर्च में घुस गया और उसने इस अवसर के लिए रोम में लाई गई तीन स्वदेशी मूर्तियों को चुरा लिया।  उसने पोप फ्रांसिस की निगरानी में हो रही ‘मूर्ति पूजा’ की निंदा करने के लिए एक वीडियो टेप बनाकर विरोध दर्ज कराया और मूर्तियों को तिबर नदी में फेंक दिया।

इतिहास के पहले लैटिन अमेरिकी पोप के लिए ऐसा गुस्सा बताता है कि उनके परंपरावादी आलोचक अपना विरोध दर्ज कराने के लिए किस हद तक जाने सकते हैं। इससे पहले भी रूढ़िवादी तबका  व्यक्तिगत विरोध से लेकर सोशल मीडिया अभियानों, सम्मेलनों और याचिकाओं तक जता चुका है कि उसके लोग खुद को पोप से अधिक कैथलिक मानते हैं।

जानकारों का मानना है कि वेटिकन में  उत्पात के जरिए कॉलेज ऑफ कार्डिनल्स में बैठे पोप के विरोधिये इस बात का दबाव बनाना चाह रहे हैं कि उनकी भावनाओं के प्रति अधिक सहानुभूति रखने वाले किसी व्यक्ति को फ्रांसिस की जगह चुना जाए। 

पोप ने कहा था- वो मुझे मार देना चाहते हैं  

फ्रांसिस को शायद उम्मीद थी कि दो पीढ़ियों से कैथलिकों को अधिक रूढ़िवादी पोप की आदत हो जाने के बाद उन्हें अपने कट्टरपंथी सुधार एजेंडे के लिए विरोध का सामना करना पड़ेगा।  उन्होंने एक बार कहा था, ‘‘कुछ लोग मुझे मरवाना चाहते थे।’’ यह बात उन्होंने तब कही थी जब उन्होंने सुना कि रोम में कुछ धर्मगुरुओं ने उनके अस्पताल में रहने के दौरान भविष्य के सम्मेलन की योजना बनाना शुरू कर दिया था। 

फ्रांसिस ने कुछ समय के लिए दक्षिणपंथी विपक्ष को बर्दाश्त किया, अक्सर उनके हमलों का जवाब चुप्पी से दिया।  उन्होंने एक बार अमेरिका में विपक्षी गठजोड़ का जिक्र करते हुए कहा था, ‘‘अगर अमेरिकी मुझ पर हमला करते हैं तो यह सम्मान की बात है।’’  साल 2022 में पोप बेनेडिक्ट 16वें की मृत्यु के बाद, फ्रांसिस ने विपक्ष को कुंद करने और अपने प्रगतिशील सुधारों को मजबूत करने की कोशिश की।  बेनेडिक्ट के अंतिम संस्कार के कुछ ही दिन के भीतर, उनके लंबे समय तक सचिव रहे एक अधिकारी ने एक संस्मरण प्रकाशित कराया जिसमें फ्रांसिस की अत्यधिक आलोचना की गई थी।