
तेल अवीव। गाजा में हमास के खिलाफ लंबे समय से जारी संघर्ष के बीच इजराइल ने एक नई और आधुनिक सैन्य तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया है। बिना ड्राइवर वाला रोबोटिक बुलडोजर जिसे रोबडोजर नाम दिया है।
इजराइल डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) ने इसे गाजा में उतारा है और माना जा रहा है कि यह हथियार हमास को जड़ से खत्म करने की रणनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है।
इस डी9 बुलडोजर के रोबोटिक संस्करण को इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने तैयार किया है। इसकी खासियत है कि इसे बहुत दूर से नियंत्रित किया जा सकता है। इसका मतलब है कि युद्ध क्षेत्र में सैनिकों की जान को खतरे में डाले बिना इसे खतरनाक इलाकों में भेजा जा सकता है। यह टैंक जैसा मजबूत है, इसे रोकना हमास के लिए मुश्किल होगा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आईडीएफ ने गाजा के अलावा सीमित रूप से लेबनान में भी इसका इस्तेमाल शुरू कर दिया है। रोबडोजर की तैनाती ऐसे इलाकों में की जा रही है, जहां हमास के लड़ाकों के छिपे होने का शक है या जहां सेना सीधे पहुंचने से हिचकिचाती है। अब यह रोबोटिक बुलडोजर उन ठिकानों को तबाह करने में सक्षम है, जिन्हें पहले खतरे के डर से इजराइली सेना छूने से डरती थी।
इस तकनीक की वैश्विक स्तर पर भी चर्चा हो रही है। हाल ही में अमेरिका के अलबामा में आयोजित एक सैन्य प्रदर्शनी में रोबडोजर को प्रदर्शित किया है। वेस्ट पॉइंट के मॉडर्न वॉर इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञ का कहना है कि यह युद्ध के मैदान में क्रांति लाने वाला हथियार है। ड्रोन के बाद रोबोटिक जमीनी हथियारों का ये उदाहरण युद्ध की दिशा और रणनीति बदल सकता है। इजराइली सेना पहले भी डी9 बुलडोजर का इस्तेमाल सड़क बनाने और मलबा हटाने जैसे अभियानों में करती थी, लेकिन अब इसके बिना चालक संस्करण को जंग के मैदान में उतारना, एक बड़ा गेमचेंजर है।
वहीं कुछ सैन्य विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि तकनीक पर अत्यधिक निर्भरता से मानवीय नियंत्रण में कमी आ सकती है, जो भविष्य में अनचाहे परिणाम ला सकती है। फिर भी गाजा में इसका प्रयोग युद्ध के तकनीकी भविष्य की झलक अवश्य दे रहा है।