
देश में लक्जरी कार के शौकीनों के बीच एक बात हल्की-सी चिंता के साथ चल रही है. वो ये कि कहीं ऐसी कार की कीमत बहुत अधिक तो नहीं बढ़ जाएगी। ‘हल्की-सी चिंता’ का प्रयोग इसलिए किया गया कि लक्जरी कार खरीदने की हैसियत रखने वाले लोग पैसे के लिहाज से इतने अधिक संपन्न होते हैं कि उन्हें अपना शौक पूरा करने के लिए बड़े से बड़ा दाम चुकाने से पहले भी सोचना नहीं पड़ता है.बहरहाल खबर ये कि
मर्सिडीज-बेंज इंडिया और बीएमडब्ल्यू ने भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को एक सकारात्मक घटनाक्रम बताते हुए कहा है कि इससे देश में लक्जरी कार की कीमतों पर विशेष असर नहीं पड़ेगा।
पिछले सप्ताह भारत और ब्रिटेन ने एक ऐतिहासिक व्यापार करार पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात पर शुल्क कम होगा और ब्रिटिश कंपनियों के लिए भारत में व्हिस्की, कार और अन्य उत्पादों का निर्यात करना आसान हो जाएगा।
इस करार का उद्देश्य दोनों देशों के बीच आपसी व्यापार को 2030 तक दोगुना कर 120 अरब डॉलर पर पहुंचाना है। अभी द्विपक्षीय व्यापार 60 अरब डॉलर है।
भारत ने अपने संवेदनशील क्षेत्रों की रक्षा के लिए समझौते में पर्याप्त सुरक्षा उपाय शामिल किए हैं और वाहन क्षेत्र में आयात शुल्क 10-15 साल में कम किया जाएगा। ब्रिटेन से पेट्रोल और डीजल इंजन वाहनों के आयात पर शुल्क रियायत पूर्व-निर्धारित कोटा तक सीमित है।
मर्सिडीज-बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संतोष अय्यर ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मूल रूप से हमने हमेशा एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के रूप में मुक्त व्यापार की वकालत की है, क्योंकि हमें लगता है कि यह बेहतर वृद्धि में मदद करता है… इसलिए मुझे लगता है कि हमारे लिए निश्चित रूप से यह एक स्वागतयोग्य कदम है।’’ उन्होंने कहा कि भारत-ब्रिटेन समझौते और भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत के कारण ऐसी उम्मीद है कि कारों के दाम घटेंगे।
अय्यर ने कहा, ‘‘भारत में हम (उद्योग) जितनी कारें बेचते हैं, उनमें से लगभग 95 प्रतिशत सीकेडी के रूप में हैं। इसका मतलब है कि आज भी मुश्किल से 15-16 प्रतिशत शुल्क है। इसलिए कीमतों में भारी कटौती की उम्मीद करना, मुझे नहीं लगता कि एफटीए के साथ भी ऐसा होगा।’’
उन्होंने कहा कि दूसरा महत्वपूर्ण कारक आयातित कारों के लिए कोटा-आधारित प्रणाली है।
बीएमडब्ल्यू ग्रुप इंडिया के अध्यक्ष और सीईओ विक्रम पावाह ने कहा कि वाहन कंपनी मुक्त बाजार पहुंच और व्यापार बाधाओं में कमी का समर्थन करती है क्योंकि यह समग्र आर्थिक वृद्धि के साथ उपभोक्ताओं के लिए भी लाभ की स्थिति है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत-ब्रिटेन एफटीए एक ऐतिहासिक करार प्रतीत होता है, जिसमें वस्तुएं, सेवाएं और परिवहन शामिल हैं और यह विकसित भारत के व्यापक दृष्टिकोण में योगदान देगा।’’
हालांकि, पाहवा ने कहा कि भारतीय लक्जरी कार खंड पर इसका प्रभाव तब स्पष्ट होगा, जब इसके विवरण सामने आएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही, बीएमडब्ल्यू ग्रुप इंडिया का भारत के बाजार में बहुत मजबूत स्थानीय उत्पादन और स्थानीयकरण है और वह इसके लिए प्रतिबद्ध है।’’
(लोकदेश डेस्क/एजेंसी। मुंबई)