
नई दिल्ली। गर्मियों की तपती धूप में ताजगी और सेहत का अनूठा संगम लेकर पतंजलि आयुर्वेद ने भारतीय पेय उद्योग में एंट्री की है। पारंपरिक शीतल पेय, जो अक्सर आर्टिफिशियल रंग, प्रिजर्वेटिव्स और बहुत चीनी से भरे होते हैं, अब ग्राहकों की पहली पसंद नहीं रहे। पतंजलि का दावा है कि आयुर्वेदिक और प्राकृतिक सामग्री से बने पेय पदार्थ न केवल स्वाद में लाजवाब हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी हैं।
कंपनी का कहना है कि पतंजलि के पेय पदार्थों में गुलाब शरबत ने विशेष लोकप्रियता हासिल की है. गुलदाउदी की पंखुड़ियों और न्यूनतम चीनी से तैयार यह शरबत आयुर्वेद में अपने शीतल और शांत करने वाले गुणों के लिए प्रसिद्ध है. इसे ठंडे पानी या दूध में मिलाकर पीने से गर्मी में तुरंत राहत मिलती है।
कंपनी ने बताया कि पतंजलि के फलों के रस, जैसे मौसमी और आम का जूस, बिना किसी आर्टिफिशियल योजक या अतिरिक्त चीनी के बनाए जाते हैं। मौसमी जूस विटामिन सी का उत्कृष्ट स्रोत है, जो शरीर को हाइड्रेट रखने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
कंपनी ने किसानों को बनाया सशक्त- पतंजलि
पतंजलि की यह पहल केवल ग्राहकों तक सीमित नहीं है. कंपनी का दावा है, ”हमने अपने मेगा फूड और हर्बल पार्क के माध्यम से प्राकृतिक सामग्री की खेती को बढ़ावा देकर स्थानीय किसानों को सशक्त बनाया है। यह कदम आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान है।
पेय उद्योग को नई दिशा देगा ये उत्पाद- विशेषज्ञ
हालांकि, हाल ही में बाबा रामदेव के एक बयान ने विवाद खड़ा किया, जिसमें उन्होंने अन्य शरबत ब्रांडों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए. बावजूद इसके कंपनी का कहना है, ”पतंजलि के उत्पादों की शुद्धता और गुणवत्ता ने ग्राहकों का विश्वास जीता है।” उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि पतंजलि का यह उत्पाद भारतीय पेय उद्योग को एक नई दिशा प्रदान करेगा, जहां स्वास्थ्य, स्वाद और स्थिरता का संतुलन प्राथमिकता बनेगा।
पतंजलि की यह पहल गर्मियों को और भी सुहाना बनाने का वादा करती है.