Monday, June 9, 2025
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कलानिधि मारन को 1300 करोड़ की चपत, स्पाइसजेट को मिली बहुत बड़ी राहत

एक बड़े फैसले में  दिल्ली उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने केएएल एयरवेज और कलानिधि मारन (देखें छायाचित्र) की अपील को खारिज कर दिया है, जिसमें 1,300 करोड़ रुपये से अधिक के हर्जाने और अन्य दावों की मांग की गई थी।  मारन देश के अरबपति उद्यमियों में गिने जाते हैं. 

यह दावा इस मुकदमे से संबद्ध  स्पाइसजेट ने किया है.

एयरलाइन ने शेयर बाजार को बताया कि केएएल एयरवेज और कलानिधि मारन ने शुरू में मध्यस्थता कार्यवाही के दौरान 1,300 करोड़ रुपये से अधिक के हर्जाने की मांग की थी।

हम बता दें कि  मारन और केएएल एयरवेज स्पाइसजेट के पूर्व प्रवर्तक हैं। 

स्पाइसजेट  की तरफ से  बताया गया कि इन दावों की पूरी तरह से जांच की गई और बाद में उच्चतम न्यायालय के तीन सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की एक समिति ने खारिज कर दिया।  इसके बाद, केएएल एयरवेज और कलानिधि मारन ने दिल्ली उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश पीठ में अपील की, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया।

जानिए क्या है पूरा विवाद 

मारन और स्पाइसजेट के बीच विवाद एक दशक से भी ज़्यादा पुराना है। 2010 में, कलानिधि मारन और केएएल एयरवेज ने स्पाइसजेट में नियंत्रक हिस्सेदारी हासिल की, जिससे उनकी हिस्सेदारी 37.7 प्रतिशत से बढ़कर 58.46 प्रतिशत हो गई। हालांकि, फरवरी 2015 में, उन्होंने पुनरुद्धार सौदे के तहत अपनी पूरी हिस्सेदारी स्पाइसजेट के मूल संस्थापक अजय सिंह को वापस हस्तांतरित कर दी। मारन और केएएल एयरवेज ने दावा किया कि उन्होंने वारंट और वरीयता शेयरों के लिए ₹679 करोड़ का भुगतान किया, जो कभी जारी ही नहीं किए गए, जिससे कानूनी लड़ाई छिड़ गई।

(लोकदेश डेस्क/एजेंसी। नई दिल्ली)