
जमीन, मकान के विकास से जुड़ी कंपनियों तथा विशेषज्ञों ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के रेपो दर में 0.5 प्रतिशत की कटौती को साहसिक कदम बताते हुए कहा कि इससे मकानों की बिक्री बढ़ेगी और क्षेत्र को जरूरी गति मिलेगी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने महंगाई दर में नरमी के बीच शुक्रवार को आर्थिक वृद्धि को गति देने के मकसद से प्रमुख नीतिगत दर रेपो को उम्मीद से अधिक 0.5 प्रतिशत घटाकर 5.5 प्रतिशत कर दिया। केंद्रीय बैंक ने लगातार तीसरी बार रेपो दर में कटौती की है।
इसके साथ आरबीआई ने बैंकों के लिए अप्रत्याशित रूप से नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में भी एक प्रतिशत की कटौती की घोषणा की। इन उपायों से वैश्विक स्तर पर जारी चुनौतियों के बीच अर्थव्यवस्था को जरूरी समर्थन मिलेगा। रियल एस्टेट क्षेत्र के शीर्ष संगठन क्रेडाई ने रेपो दर में 0.5 प्रतिशत की कटौती के आरबीआई के फैसले को साहसिक कदम बताया और कहा कि इससे आवासीय संपत्तियों की बिक्री बढ़ाने में मदद मिलेगी।
क्रेडाई (कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर जी पटेल ने कहा कि आरबीआई के निर्णय से उपभोक्ताओं की धारणा में सुधार होगा, जिससे मध्यम आय एवं किफायती आवास क्षेत्रों को अत्यधिक लाभ होगा, जो पिछले कुछ वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं।
पटेल ने कहा, ‘‘ हम आरबीआई के निर्णय का स्वागत करते हैं और इसे घरेलू मांग को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक साहसिक और समयोचित कदम मानते हैं।’’
रियल एस्टेट क्षेत्र के शीर्ष निकाय नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) के अध्यक्ष जी. हरि बाबू ने कहा, ‘‘ आरबीआई द्वारा लगातार तीसरी बार रेपो दर में कटौती करने का निर्णय स्पष्ट रूप से चुनौतीपूर्ण वैश्विक वातावरण में वृद्धि को समर्थन देने के उसके इरादे को दर्शाता है। कम ब्याज दरों का मतलब है ऋण तक आसान पहुंच, बेहतर नकदी और उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा जो अर्थव्यवस्था की गति बनाए रखने के लिए आवश्यक है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ रियल एस्टेट के लिए यह एक बेहतर कदम है। इससे आवास ऋण की दरों में गिरावट आने की उम्मीद है जिससे कई लोगों, खासकर पहली बार मकान खरीदने वालों और मध्यम आय वर्ग के लिए मकान खरीदना अधिक किफायती हो जाएगा।’’
रियल एस्टेट से जुड़ी सेवाएं देने वाली सीबीआरई के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया व अफ्रीका) अंशुमान मैगजीन ने कहा, ‘‘ आरबीआई द्वारा रेपो दर को स्थिर रखने का निर्णय मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं के साथ आर्थिक वृद्धि को संतुलित करने के उसके रुख को दर्शाता है। स्थिर कर्ज लागत से हम विशेष रूप से किफायती और मध्यम-खंड श्रेणियों में आवास के लिए निरंतर मांग की उम्मीद करते हैं। ’’
सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लि. के संस्थापक एवं चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा, ‘‘ रेपा दर में 0.5 प्रतिशत और नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में एक प्रतिशत की भारी कटौती का फैसला मकान खरीदारों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। यह साहसिक कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब महंगाई में नरमी आई है और अर्थव्यवस्था को मजबूती से आगे बढ़ाने के लिए ठोस प्रोत्साहन की जरूरत है। ’’
‘360 रियलटर्स’ के प्रबंध निदेशक अंकित कंसल ने कहा, ‘‘ रेपो दर में कटौती की उम्मीद थी, लेकिन 0.5 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद नहीं थी। यह सच में एक सुखद कदम है। इस कदम से गृह ऋण ज्यादा किफायती होंगे और डेवलपर को सस्ता कर्ज मिलेगा जिससे रियल एस्टेट क्षेत्र को दोहरा फायदा होगा।’’
कोलियर्स इंडिया के वरिष्ठ निदेशक एवं अनुसंधान प्रमुख विमल नादर ने कहा कि यह कदम रियल एस्टेट क्षेत्र को बल देने वाला है। उन्होंने कहा, ‘‘ यह खरीदारों और कंपनियों के लिए उधार लेने की लागत को कम करता है, खासकर किफायती और मध्यम आय वाले आवास खंडों में मकान खरीदारों का आत्मविश्वास बढ़ाता है । इससे खरीदारों की भावना में सुधार हो सकता है। प्रमुख शहरी बाजारों में बिक्री की मात्रा में वृद्धि हो सकती है। ’’
(लोकदेश डेस्क/एजेंसी। मुंबई)