Wednesday, April 30, 2025
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बांग्लादेश में अज्ञात लोगों ने हिंदू नेता की पीट-पीटकर हत्या


भारत बोला- बांग्लादेश बिना भेदभाव सबकी रक्षा करे
पत्नी बोली- घर से जबरदस्ती उठा ले गए थे
ढ़ाका।
बांग्लादेश में अज्ञात लोगों ने एक बड़े हिंदू नेता की हत्या कर दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भाबेश चंद्र रॉय (58) को गुरुवार दोपहर को उनके घर से किडनैप किया गया और पीट-पीटकर मार डाला गया। वे बांग्लादेश पूजा उद्यापन परिषद की बीराल इकाई के उपाध्यक्ष थे। हिंदू समुदाय में उनकी बड़ी पकड़ थी। पुलिस ने बताया कि वे ढाका से कुछ 330 किमी दूर दिनाजपुर के बसुदेवपुर गांव के रहने वाले थे।
भाबेश चंद्र रॉय की पत्नी शांतना ने बताया कि गुरुवार को करीब 4:30 बजे उनके पति को एक फोन आया था। फोन करने वाला सिर्फ यह जानना चाहता था कि भाबेश घर पर हैं या नहीं। इसके करीब आधे घंटे बाद दो बाइक पर सवार चार लोग उनके घर आए और भाबेश को जबरदस्ती उठाकर ले गए। चश्मदीदों के मुताबिक, उन्हें पास के नराबाड़ी गांव ले जाया गया और वहां बेरहमी से पीटा गया। गुरुवार शाम को ही हमलावरों ने भाबेश को बेहोश हालत में वैन से उनके घर भिजवा दिया। पहले उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, फिर दिनाजपुर मेडिकल कॉलेज भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
अभी पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया
बीराल पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी अब्दुस सबूर ने कहा कि इस मामले में केस दर्ज करने की तैयारी चल रही है। उन्होंने बताया कि पुलिस संदिग्धों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए काम कर रही है। भाबेश की पत्नी शांतना ने कहा कि वह हमलावरों में से दो को पहचान सकती हैं।

भारत बोला- बांग्लादेश सभी अल्पसंख्यकों की रक्षा करे
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मामले में बयान जारी कर कहा- हमें बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक नेता भाबेश चंद्र रॉय की किडनैपिंग और हत्या के बारे में जानकारी मिली है। यह हत्या बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के तहत हिंदू अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का एक पैटर्न दिखती है। पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनमें आरोपी बिना सजा पाए आजादी से घूमते हैं।
बयान में आगे कहा गया कि हम इस घटना की निंदा करते हैं और एक बार फिर अंतरिम सरकार को याद दिलाते हैं कि वह बिना कोई बहाना बनाए या भेदभाव किए हिंदुओं सहित सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने की अपनी जिम्मेदारी निभाए। एक दिन पहले यानी शुक्रवार को भी भारत ने बांग्लादेश से कहा था कि पश्चिम बंगाल में हिंसा को लेकर नैतिक उपदेश देने के बजाय अपने यहां अल्पसंख्यकों की रक्षा पर ध्यान दे।

दरअसल, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस के प्रेस सेक्रेटरी ने कहा था कि भारत को उन अल्पसंख्यक मुस्लिमों की रक्षा करनी चाहिए, जो पिछले हफ्ते बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा से प्रभावित हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंने इस बात से इनकार कर दिया कि इस हिंसा को भड़काने में बांग्लादेश का हाथ है।
भारत ने कड़ा विरोध करते हुए कहा कि बांग्लादेश का यह बयान धूर्तता और कपट से भरा है। वह अपने यहां अल्पसंख्यकों के नरसंहार से ध्यान भटकाना चाहता है।