Saturday, May 3, 2025
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गुड फ्राइडे : ‘क्रूस यात्रा’ निकाल दिया यह संदेश

झाबुआ, लोकदेश रिपोर्ट

कैथोलिक धर्मप्रांत झाबुआ ने गुड फ्राइडे को गहन श्रद्धा, प्रार्थना और आत्मिक चिंतन के साथ मनाया। पूरे धर्मप्रांत में सैकड़ों विश्वासियों ने प्रभु यीशु मसीह के दु:खभोग और क्रूस पर चढ़ाए जाने की स्मृति में एकत्र होकर इस ख्रीस्तीय पंचांग के सबसे पवित्र और गंभीर दिवस को मनाया।


धर्माध्यक्ष व पुरोहितों ने क्रूस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे आशा, प्रेम, और पाप व मृत्यु पर अंतिम विजय का प्रतीक बताया। व जानकारी देते हुए बताया कि गुड फ्राइडे उपवास और संयम का दिन माना जाता है, जो विश्वासियों को प्रभु यीशु के दु:खों में भागीदार बनने का आह्वान करता है। यह वही दिन है जब यीशु ने कलवरी पहाड़ पर क्रूस पर मरते हुए सम्पूर्ण मानवता को उद्धार प्रदान किया। वही इस अवसर पर ‘क्रूस यात्रा’ का आयोजन किया गया यह 14 पड़ावों वाली एक आत्मिक यात्रा है, जहाँ प्रत्येक पड़ाव यीशु के दु:खदायी मार्ग की एक विशेष घटना को दशार्ता है। यह यात्रा प्रभु यीशु के प्रेम, धैर्य और उनके दु:खों के उद्धारक उद्देश्य की एक सशक्त याद दिलाती है। आगे जानकारी देते हुए बताया कि जिसमें धर्मप्रांत के विभिन्न गिरजाघरों में विशेष आराधनाएँ आयोजित की गईं, जिनमें पवित्र वचन का पाठ, मौन प्रार्थना, सार्वभौमिक प्रार्थना और क्रूस की उपासना सम्मिलित थीं। वही झाबुआ धर्मप्रांत ने सभी विश्वासियों को प्रोत्साहित किया कि वे इस दिन को केवल आत्मचिंतन का ही नहीं, बल्कि विश्व में शांति, क्षमा और दया के लिए प्रार्थना का भी अवसर बनाएं ये सभी वे गुण हैं जिन्हें मसीह के बलिदान ने उजागर किया। जैसे ही कलीसिया पास्का के आनंद की प्रतीक्षा कर रही है, गुड फ्राइडे हमें स्मरण कराता है कि हम प्रभु यीशु के साथ उनके दु:ख में सहभागी बनें, और उनके आत्मबलिदान में शक्ति तथा उद्धार प्राप्त करें।

लोगों को धोए पैर
राणापुर। वही विगत एक दिन पर्व झाबुआ धर्मप्रांत के अंतर्गत आने वाले सभी गिरजाघरों एवं प्रार्थना स्थलों में पवित्र बृहस्पतिवार (पवित्र गुरुवार) को गहन श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। झाबुआ धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष पीटर खराड़ी ने राणापुर में आयोजित पवित्र मिस्सा के दौरान प्रतीकात्मक रूप से 12 लोगों के पाँव धोए। यह दृश्य वहां उपस्थित सभी विश्वासियों के लिए अत्यंत भावुक और प्रेरणादायक रहा।धर्माध्यक्ष पीटर खराड़ी ने अपने प्रवचन में कहा कि ह्लयीशु मसीह ने हमें यह सिखाया कि सच्चा नेता वह है जो सबसे पहले सेवा करता है। हमें भी उनकी तरह विनम्र बनना है, दूसरों के प्रति प्रेम, दया और सेवा का भाव रखना है। यह दिन हमें एकजुट होकर एक-दूसरे की देखभाल करने और ईश्वर के प्रेम को अपने जीवन में अपनाने की प्रेरणा देता है।