
ग्लैमर किसी का सगा नहीं हुआ. जिसके साथ रहा, उसे आसमान दिखा दिया और पलक झपकते ही उसी जमीन पर ला पटकने में भी देर नहीं की.
आज नौ जून, 2025 को जीवन के पचासवें वर्ष में प्रवेश कर गईं अभिनेत्री अमीषा पटेल के लिए भी यही दर्दनाक सच दिखता है.
‘गदर’ सहित कुछ और फिल्मों में अपनी धमाकेदार एंट्री के बाद अमीषा देश-भर में फिल्म प्रशंसकों के दिलो-दिमाग पर छा गई थीं.
फिर साल 2006 में आई ‘अनकही’ में अमीषा ने अभिनय का वह जौहर दिखाया कि दर्शक उन्हें पति की बेवफाई सह रही पत्नी के रूप में देखकर मंत्रमुग्ध हो गए.
लेकिन न जाने क्या हुआ कि अमीषा का ये उत्कर्ष उनके साथ और न चल सका. ‘कहो ना प्यार है’ कि इस बेहतरीन अदाकारा के लिए कहा गया कि वो अपने दौर की मशहूर फिल्म ‘सोने की चिड़िया’ वाली स्थिति की शिकार हो गईं. उनके अपनों ने उन्हें पैसा बनाने की मशीन की तरह इस्तेमाल किया और एक उम्दा अभिनेत्री अपनों से ही हारती चली गईं.
9 जून 1975 को मुंबई में जन्मीं अमीषा पटेल ने अपने सिने करियर की शुरुआत वर्ष 2000 में प्रदर्शित राकेश रोशन निर्मित-निर्देशित ब्लॉक बस्टर फिल्म ‘कहो ना प्यार है’ से की थी। यह ऋतिक रोशन की भी बतौर अभिनेता पहली फिल्म थी।
अमीषा ने फिल्मों में कदम रखने से पहले कुछ वक्त थिएटर भी किया। उन्होंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत सत्यदेव दुबे के थिएटर ग्रुप से की थी। उन्होंने नाटकों में अभिनय किया, जिसमें वह, नीलम (1999) नामक एक उर्दू भाषा के नाटक में भी शामिल थीं, जिसे तनवीर खान ने लिखा।
इसके बाद अमीषा ने मॉडलिंग का रुख किया।अमीषा पटेल ने इसके बाद वर्ष 2001 में सन्नी देओल के साथ गदर एक प्रेम कथा में काम किया। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये अमीषा सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्मफेयर पुरस्कार के लिये नामांकित की गयी।
आज अमीषा ‘ग़दर’ के सुपरहिट सीक्वल को अपने अभिनय से नया जीवन देने के बाद भी गुमनामी के अंधेरे में हैं, यह दुःख की बात है. क्योकि एक तारा न कहाँ छुप गया
(लोकदेश के लिए रत्नाकर त्रिपाठी/ एजेंसी)