
यदि आप मकान बनाने सहित गाड़ी खरीदने या फिर किसी और काम के लिए बैंक से लोन लेना चाहते हैं, तो ये आपके लिए खुशखबरी है.
भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने आगे महंगाई में नरमी आने को ध्यान में रखते हुये विकास को गति देने के उद्देश्य से नीतिगत दरों विशेषकर रेपो दर में लगातार तीसरी बार जीरो दशमलव पांच ज़ीरो फीसदी की कटौती करने का शुक्रवार को निर्णय लिया। जिससे आवास ऋण, वाहन ऋण और अन्य तरह के लोन सस्ते होगें।
आरबीआई ने फरवरी 2025 से लेकर अब तक रेपो दर में एक फीसदी की कटौती कर चुका है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि पिछले दो बार लगातार जीरो दशमलव दो पांच प्रतिशत की रेपो दर में कमी की गयी थी और अब इसमें इससे दोगुनी कटौती की जा रही है जो तत्काल प्रभाव से लागू हो जायेगी। उन्होंने कहा कि सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के उद्देश्य से नकद आरक्षित अनुपात यानी सीआरआर में चरणबद्ध तरीके से एक फीसदी की कमी की जा रही है जिससे तंत्र में ढाई लाख करोड़ रुपये की लिक्विडिटी बढ़ेगी।
इस कटौती के बाद सीआरआर चार प्रतिशत से कम होकर तीन प्रतिशत रह जायेगी। उन्होंने कहा कि लिक्विडिटी एडजस्टमेंट सुविधा के तहत पॉलिसी रेपो रेट को पचास आधार अंकों से घटाकर पांच दशमलव पांच प्रतिशत करने का फैसला किया है। यह तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
इसके परिणामस्वरूप, स्थायी जमा सुविधा (एसटीएफ) दर सवा पांच फीसदी पर एडजस्ट होगी। सीमांत स्थायी सुविधा यानी एमएसएफ दर और बैंक दर पौने छह प्रतिशत पर एडजस्ट होगी।
जानिए रेपो दर के बारे में
रेपो वह ब्याज दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। आरबीआई मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिये इस दर का उपयोग करता है।
इसके साथ, आरबीआई ने 2025-26 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। वहीं चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को चार प्रतिशत से घटाकर 3.7 कर दिया गया है।
(लोकदेश डेस्क/एजेंसी। मुंबई)