
किसी समय ‘प्रेम रोग’ ‘वो सात दिन’ और ‘स्वर्ग से सुंदर’ जैसी फिल्मों में मुख्य भूमिकाओं से जान डाल देने वाली पद्मिनी कोल्हापुरे का कहना है कि ‘चक्रवर्ती सम्राट पृथ्वीराज चौहान’ में राजमाता की भूमिका निभाना उनके करियर के सबसे अर्थपूर्ण अनुभवों में से एक रहा है।
सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन अपने दर्शकों के लिए एक भव्य ऐतिहासिक गाथा ‘चक्रवर्ती सम्राट पृथ्वीराज चौहान’ लेकर आ रहा है ,जिसका प्रसारण चार जून से हर सोमवार से शुक्रवार, रात 7:30 बजे किया जाएगा। इस ऐतिहासिक गाथा में दिग्गज अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे राजसी राजमाता की भूमिका में दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने के लिए तैयार हैं। इस प्रतिष्ठित किरदार को जीवंत करने के लिए पद्मिनी ने गहन शोध किया और खुद को उस समय की ऐतिहासिक व भावनात्मक भावना में पूरी तरह डुबो दिया।

पद्मिनी कोल्हापुरे ने कहा, “’चक्रवर्ती सम्राट पृथ्वीराज चौहान’ में राजमाता की भूमिका निभाना मेरे कॅरियर के सबसे अर्थपूर्ण अनुभवों में से एक रहा है। वह केवल एक ऐतिहासिक चरित्र नहीं हैं। वह एक माँ हैं, एक मार्गदर्शक हैं, और भारत के सबसे महान योद्धाओं में से एक के पीछे एक सशक्त स्त्री हैं। उन्हें समझने के लिए मैंने केवल स्क्रिप्ट पर निर्भर नहीं किया। मैंने ऐतिहासिक दस्तावेज़ पढ़े, लोक कथाएँ सुनीं, शोध लेख पढ़े और क्षेत्रीय डॉक्यूमेंट्रीज़ भी देखीं ताकि यह जान सकूं कि वह किस प्रकार का आचरण करती होंगी। दिलचस्प बात यह है कि अब मेरा फोन केवल पृथ्वीराज और उस युग से जुड़ी सामग्री ही सुझाता है – मैंने उन पर इतनी रिसर्च की है। उनके भीतर की मौन शक्ति मुझे बहुत प्रभावित करती है। वह शायद युद्धभूमि पर नहीं थीं, लेकिन उनकी भूमिका उतनी ही महत्वपूर्ण थी। एक माँ होने के नाते, मैं उनके भावनात्मक संघर्ष से खुद को जोड़ पाई। कठिन समय में अपने आप को संयमित रखना कितना चुनौतीपूर्ण रहा होगा। यह भूमिका निभाना एक बड़ी जिम्मेदारी है, और मैंने कोशिश की है कि हर हावभाव और हर क्षण में उनके सफर की सच्चाई झलकती रहे।”
(लोकदेश डेस्क/एजेंसी। मुंबई)