
इंटरनेट की अत्याधुनिक दुनिया में हम दुनिया-भर में एक बड़ी उड़ान भर सकते हैं. मुमकिन है कि साल 2030 तक भारत सारे विश्व की इंटरनेट राजधानी का दर्जा हासिल कर ले.
जी हाँ, या बात केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली में कही है.
दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन 2025 में सिंधिया ने कहा कि भारत अगले पांच साल में दुनिया की ‘डेटा’ (इंटरनेट) राजधानी बनने के लिए तैयार है। सिंधिया ने कहा कि भारत को दुनिया भर में ‘डिजिटल-फर्स्ट’ अर्थव्यवस्था के रूप में देखा जाता है। इस ‘डिजिटल-फर्स्ट’ अर्थव्यवस्था का नेतृत्व दूरसंचार क्रांति कर रही है। सिंधिया ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि अगले पांच साल में भारत दुनिया की इंटरनेट राजधानी बन जाएगा।’’

मंत्री ने कहा कि दूरसंचार ग्राहक आधार एक दशक पहले 80 करोड़ था जो बढ़कर अब 1.2 अरब पर पहुंच गया है। इसके साथ दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल बाजार है। ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ता आधार बढ़कर 94 करोड़ हो गया है।
सिंधिया ने कहा कि इसके साथ ही, ‘कनेक्टिविटी’ यानी संपर्क लागत और मोबाइल हैंडसेट की कीमतों में भारी गिरावट आई है।
उन्होंने उन दिनों को याद किया जब शुल्क 16 रुपये प्रति मिनट तक थे।
मंत्री ने कहा, ‘‘जब हम डेटा की बात करते हैं, तो 11 साल पहले एक जीबी डेटा की कीमत 287 रुपये होती थी। आज एक जीबी डेटा की कीमत नौ रुपये है। संचार की लागत में 97 प्रतिशत की कमी आई है।’’
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर, भारत में ‘डेटा’ संचार की लागत दुनिया के औसत का पांच प्रतिशत है।
(लोकदेश डेस्क/एजेंसी। नई दिल्ली)