
सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल ने दावा किया कि प्रोफ़ेसर अली खान महमूदाबाद ने जो बयान दिया वह पूरी तरह देशभक्ति से भरा हुआ था और उन्हें गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया है
वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल उन प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के बचाव में अदालत में सामने आए हैं, जिन पर ऑपरेशन सिंदूर और कर्नल सोफिया कुरैशी पर अपमानजनक टिप्पणी करने का केस दर्ज किया गया है.
इस विषय में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की याचिका पर तत्काल सुनवाई करने पर सहमति जताई, जिन्हें हाल ही में हरियाणा पुलिस ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से संबंधित फेसबुक पोस्ट को लेकर गिरफ्तार किया था।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने शीर्ष अदालत के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई के समक्ष मामले का उल्लेख किया और तत्काल सुनवाई की मांग की। अधिवक्ता सिब्बल ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर पर पूरी तरह से देशभक्ति से भरे बयान के लिए अशोका यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। इसे तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है।”
इस मामले की तात्कालिकता को देखते हुए मुख्य न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि मामले को 21 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए।
प्रोफेसर को गिरफ्तारी के बाद रविवार को मजिस्ट्रेट ने उन्हें दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था।
यह कहा था अली खान महमूदाबाद ने
-कर्नल सोफिया कुरैशी की प्रशंसा करने वाले दक्षिणपंथी लोगों को उन्मादी भीड़ की हिंसा और संपत्तियों पर “मनमाने ढंग से” बुलडोजर चलाने के पीड़ितों के लिए सुरक्षा की मांग भी करनी चाहिए। उन्होंने कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की मीडिया ब्रीफिंग को “दिखावटी” बताया और कहा, “लेकिन दिखावटीपन को जमीनी हकीकत में बदलना चाहिए, अन्यथा यह सिर्फ पाखंड है।”
(लोकदेश डेस्क/एजेंसी। नई दिल्ली)