Friday, June 6, 2025
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रिटायर्ड आईएफएस ने खोला शिवराज के खिलाफ भी मोर्चा, मोहन यादव को लिखा खत

फैज़ अहमद फैज़ बेहद क्रांतिकारी अंदाज में फरमा गए है, ‘बोल के लब आज़ाद हैं तेरे’ तो जनाब ये बात भी उस क्रांतिकारी आजाद ख्याल की, जिसके लब केवल बोल नहीं रहे, बल्कि दहाड़ रहे हैं. 

हाँ, बोलने और दहाड़ने वाले शब्दों के सच होने के बारे में लोकदेश कोई विचार नहीं रखता।

बात है भारतीय वन सेवा यानी आईएफएस से रिटायर हुए आज़ाद सिंह डबास की. डबास ने रिटायरमेंट के बाद पूरी सक्रियता के साथ ‘सिस्टम परिवर्तन अभियान’ छेड़ रखा है. पहले कांग्रेस और फिर आम आदमी पार्टी से मोहभंग होने के बाद डबास अब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं. 

डबास जनाब का बिंदास अंदाज वाला एक पत्र लोकदेश को भी मिला है. इसमें उन्होंने मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव से केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ कार्यवाही का आग्रह किया है. 

खत की भूमिका शिवराज समर्थकों की भृकुटि टेढ़ी कर सकती है. क्योंकि इसमें लिखा गया है कि पत्र मुख्यमंत्री रहते हुए श्री चौहान द्वारा भ्रष्टाचार को प्रश्रय देने की जांच के अनुरोध के साथ पेश किया गया है. 

जो लोग डबास को जानते हैं, वो ये भी मानते  हैं कि ये हजरत गोला-बारूद की पूरी रसद के साथ आगे आते हैं. चुनांचे इस खत में एक और शीर्षक यह भी है कि ‘वार अगेंस्ट करप्शन’ यानी भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग. डबास ने चिट्ठी में चिथड़े उधेड़ने के अंदाज में मध्यप्रदेश के उस समय के कुख्यात व्यापमं घोटाले, डंपर घोटाले और ई टेंडर वाली गड़बड़ी का भी जिक्र किया है. 

मामले यकीनन पुराने हैं, लेकिन डबास के पास इसका इलाज भी है. वो खत में याद दिला रहे हैं कि खुद कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने मध्यप्रदेश में शिवराज के बेटे कार्तिकेय के लिए दावा किया था कि उनका नाम पनामा पेपर्स घोटाले में आया है. 

हम बता दें कि भले ही राहुल ने एक बार फिर आरोप लगाने के बाद पीठ दिखा दी हो, लेकिन कार्तिकेय ने उनके खिलाफ कोर्ट में केस लगा दिया। 

खैर, आजाद इस बात से अनभिज्ञता तो जताते  हैं कि राहुल के आरोप सच हैं या नहीं, लेकिन फिर वो शिवराज पर मुख्यमंत्री रहते हुए लगे पहले बताए आरोपों की फेहरिस्त भी पेश कर देते हैं. वो तो शिवराज के कार्यकाल के लिए यह भी लिखते हैं कि उस समय मध्यप्रदेश का कोई भी शासकीय विभाग ऐसा नहीं था, जिसमें घोटाले न हुए हों.  डबास इसके लिए वृक्षारोपण घोटाले, पोषण आहार घोटाले और बिजली घोटाले का भी जिक्र कर रहे हैं. 

अब आज़ाद मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव से चाह रहे हैं कि चौहान के कार्यकाल की पूरी जाँच कराई जाए. वो खत में यह भी दावा करते हैं कि मध्यप्रदेश की आर्थिक स्थिति में हुए नुकसान के लिए भी शिवराज ही जिम्मेदार हैं. 

अब डबास के केंद्र में कांग्रेस के मध्यप्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी भी आते हैं. रिटायर्ड आईएफएस ने इस खत की कॉपी जीतू को भेजी है, साथ ही उन्होंने पटवारी के लिए यह भी  लिखा कि  कांग्रेस के कमलनाथ सरकार के पास शिवराज के घोटालों की जांच का सुनहरा अवसर था, जो गँवा दिया था. 

उनकी पटवारी को सलाह है कि यदि वो राज्य में कांग्रेस को नया जीवन देना चाहते हैं तो फिर शिवराज सरकार के कामकाज की जाँच के लिए दबाव बनाएं। 

(लोकदेश के लिए रत्नाकर त्रिपाठी की रिपोर्ट)