
पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं कांग्रेस की वरिष्ठ नेता डॉ गिरिजा व्यास का गुरुवार को निधन हो गया।
वह करीब 79 वर्ष की थी। उन्होंने गुजरात में अहमदाबाद के एक अस्पताल में शाम को अंतिम सांस ली।
व्यास पिछले दिनों गणगौर पर अपने घर में पूजा कर रही थी कि दीपक से उनके कपड़ों में अचानक आग लग गई जिससे वह गंभीर रुप से झुलस गई। उन्हें इलाज के लिए अहमदाबाद ले जाया गया जहां उनका इलाज चल रहा था।
डा़ व्यास पच्चीस वर्ष की आयु में राजस्थान विधानसभा की सदस्य बनी और उन्हें कई मंत्रालयों का दायित्व सम्भालने का मौक़ा मिला। वह चार बार सांसद चुनी गई और नरसिम्हा राव सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और मनमोहन सिंह की सरकार में केन्द्रीय शहरी आवास एवं ग़रीबी उन्मूलन मंत्रालय की ज़िम्मेदारी निभाई।
वह राष्ट्रीय महिला आयोग की दो कार्यकाल तक राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर रही है। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद भी संभाला और लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक पद एवं एआईसीसी मीडिया प्रभारी भी रही है।
अपने जीवनकाल में करीब 45 साल तक राजनीति में सक्रिय रहीं डॉ. व्यास हृदय से कवि थीं. सियासत में आने से पहले उन्होंने टीचिंग का काम भी किया था.
डॉ. व्यास ने उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय से दर्शन शास्त्र में पीएचडी भी की. उनकी एक उल्लेखनीय थीसिस गीता और बाइबिल के तुलनात्मक अध्ययन पर है.
व्यास जीवन में नृत्यांगना बनना चाहती थीं. दुर्भाग्य से उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका. वैसे इस अधूरे सपने के बावजूद उन्होंने भरपूर सफलताओं वाला जीवन जिया।
व्यास महज पंद्रह साल की थीं, जब उनके पिता का निधन हो गया. परिवार की जिम्मेदारी संभालने के लिए उन्होंने शादी नहीं की.
(लोकदेश डेस्क/एजेंसी। अहमदाबाद)