
नीमच। मध्य प्रदेश का नीमच जिला अब राजस्थान के भीलवाड़ा की इंडस्ट्रियल सिस्टर सिटी के रूप में तेजी से उभर रहा है। यहां दो प्रमुख टेक्सटाइल परियोजनाओं की शुरुआत से एक नया टेक्सटाइल हब आकार ले रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 20 अप्रैल को स्वराज सूटिंग्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रथम चरण का लोकार्पण और सुविधि रेयॉन्स प्राइवेट लिमिटेड का भूमिपूजन किया था। ये दोनों परियोजनाएं नीमच को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर टेक्सटाइल हब के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि “नीमच अब भीलवाड़ा की इंडस्ट्रियल सिस्टर सिटी के रूप में पहचान बना रहा है। स्वराज सूटिंग्स और सुविधि रेयॉन्स जैसी प्रतिष्ठित कंपनियां, जो भीलवाड़ा से नीमच आई हैं, न केवल निवेश लेकर आई हैं, बल्कि हजारों लोगों, विशेष रूप से महिलाओं के लिए रोजगार और आत्मनिर्भरता के नए अवसर भी सृजित कर रही हैं। नीमच अब टेक्सटाइल क्षेत्र में नया इतिहास लिखने को तैयार है, जो मध्य प्रदेश को आत्मनिर्भर भारत के सपने की ओर अग्रसर करेगा।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “विकसित भारत” के विजन को साकार करने में मध्यप्रदेश अग्रणी भूमिका निभा रहा है। आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया, और रोजगार आधारित विकास के लिए राज्य सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं। हाल ही में भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 में 30.77 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे 21.4 लाख रोजगार के अवसर सृजित होंगे। रीवा, उज्जैन, जबलपुर और नर्मदापुरम में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव्स के माध्यम से निवेश को छोटे जिलों तक पहुंचाया गया है।
मुख्यमंत्री ने विश्वास दिलाया कि “आज नीमच में केवल टेक्सटाइल इकाइयों का शुभारंभ नहीं हुआ है, बल्कि नीमच की एक नई औद्योगिक पहचान स्थापित हो रही है। हम हर हाथ को हुनर, हर जिले को उद्योग और हर परिवार को समृद्धि का अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” उन्होंने निवेशकों और नागरिकों से आत्मनिर्भर और समृद्ध मध्यप्रदेश के निर्माण में सहयोग देने की अपील की।
स्वराज सूटिंग्स: डेनिम फैब्रिक में वैश्विक पहचानझांझरवाड़ा (जिला नीमच) में स्थित:-
मेसर्स स्वराज सूटिंग्स प्राइवेट लिमिटेड की चरणबद्ध टेक्सटाइल परियोजना के प्रथम चरण का लोकार्पण रामपुरा (जिला नीमच) में संपन्न हुआ। इस चरण में 150 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, जिससे 750 प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। परियोजना की कुल लागत 450 करोड़ रुपये है, जो विभिन्न चरणों में क्रियान्वित की जाएगी। यह निवेश जबलपुर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव 2024 के दौरान प्रस्तावित हुआ था।
कंपनी के प्रवर्तक नासिर खान हैं। स्वराज सूटिंग्स, जिसकी स्थापना 2003 में भीलवाड़ा (राजस्थान) में हुई थी, वस्त्र उद्योग में एक प्रतिष्ठित नाम है। नीमच के झांझरवाड़ा क्षेत्र में कंपनी पहले ही 700 करोड़ रुपये की लागत से एक इकाई स्थापित कर चुकी है, जिससे 2000 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। वर्तमान में कंपनी की वार्षिक डेनिम फैब्रिक प्रोसेसिंग क्षमता 1.5 करोड़ मीटर है, और यह भारत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी सक्रिय है।
सुविधि रेयॉन्स: “फार्म टू फैशन” की ओर अग्रसर:-
ग्राम मोरवन (जावद, जिला नीमच) में सुविधि रेयॉन्स प्राइवेट लिमिटेड की टेक्सटाइल निर्माण इकाई के भूमिपूजन का आयोजन इस कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण रहा। यह परियोजना 31 हेक्टेयर क्षेत्र में 350 करोड़ रुपये के निवेश से विकसित की जाएगी, जिससे लगभग 2000 प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। यह इकाई “फार्म टू फैशन” की अवधारणा को रूप देगी, जिसमें कच्चे माल की खरीद किसानों से लेकर फिनिश्ड फैब्रिक तक की संपूर्ण प्रक्रिया स्थानीय स्तर पर संपन्न होगी। यह एक पूर्णतः एकीकृत टेक्सटाइल पार्क होगा, जिसमें 168 आधुनिक लूम्स, 30,000 स्पिंडल्स और तीन प्रोसेसिंग हाउस स्थापित किए जाएंगे। कंपनी के प्रमुख निवेशक राकेश दुबे तंवर ने बताया कि उनकी कंपनी को 25 वर्षों का अनुभव है, और वह गुणवत्ता, समयबद्ध आपूर्ति एवं प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण के लिए जानी जाती है। परियोजना का प्रथम चरण 31 मार्च 2028 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
बदलता हुआ नीमच का औद्योगिक परिदृश्य:-
एमपीआईडीसी उज्जैन के कार्यकारी निदेशक राजेश राठौड़ ने बताया कि नीमच का औद्योगिक विकास अब केवल टेक्सटाइल तक सीमित नहीं है। पिछले वर्ष सगराना में 3000 करोड़ रुपये की गोल्डक्रस्ट सीमेंट परियोजना का भूमिपूजन किया गया था। झांझरवाड़ा औद्योगिक क्षेत्र में अब कोई खाली भूमि नहीं बची है और यहां 8000 से अधिक रोजगार सृजित होंगे। निवेश की बढ़ती मांग को देखते हुए राज्य सरकार अब चीताखेड़ा में एक नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा पारदर्शी भूमि आवंटन, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, कर प्रोत्साहन और तेज अनुमोदन प्रणाली जैसे उपायों से निवेशकों का विश्वास बढ़ा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1070 से अधिक इकाइयों को भूमि आवंटन पत्र जारी किए गए, 330 से अधिक इकाइयों का भूमि पूजन एवं लोकार्पण हुआ, और 5262 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उद्योगों को प्रदान की गई।