Tuesday, April 29, 2025
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इस आदमी ने सोलहवीं सदी में ही बता दिया था पोप की मौत का सच 

pope francis

ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस नहीं रहे। लंबे समय से अनेक बीमारियों से जूझ रहे पोप ने ईस्टर के अगले दिन सोमवार को 88 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। दुनिया भर में उनके अनुयायियों के बीच शोक का माहौल है। 

इस बीच चौंका देने वाली बात सामने आई है। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अपने समय के मशहूर भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस ने 16वीं सदी में पोप की मृत्यु की बात कहने के साथ ही यह संकेत भी दे दिए थे कि इस पद पर अगला व्यक्ति कौन होगा।

यह लिखा था नास्त्रेदमस ने 

दि मेल की खास रिपोर्ट के अनुसार नास्त्रेदमस ने लिखा था, ‘एक बहुत बूढ़े पोप की मृत्यु के कारण / एक अच्छी उम्र का रोमन चुना जाएगा / उसके बारे में यह कहा जाएगा कि उसने अपनी सीट कमजोर कर दी है / लेकिन वह लंबे समय तक बैठेगा और तीखी गतिविधि में रहेगा।’ अख़बार के मुताबिक़ इस साल के आरंभ में जब पोप बेहद बुजुर्ग अवस्था में गंभीर रूप से बीमार पड़े, तब से माना जाने लगा था कि नास्त्रेदमस ने उनके लिए ही उक्त भविष्यवाणी की थी। इस भविष्यवाणी में पोप फ्रांसिस के उत्तराधिकारी को अश्वेत बताया गया था। हम बता दें कि पोप फ्रांसिस के उत्तराधिकारियों में अफ्रीकी मूल के पीटर टर्कसन प्रमुख रूप से शामिल हैं। 76 साल के पीटर का जन्म घाना में हुआ था। 

निमोनिया बना जान का दुश्मन 

वेटिकन न्यूज़ की एक रिपोर्ट के अनुसार कई दिनों तक ब्रोंकाइटिस से पीड़ित रहने के बाद पोप को इस वर्ष 14 फरवरी को एगोस्टिनो जेमेली पॉलीक्लिनिक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पोप फ्रांसिस की सेहत धीरे-धीरे बिगड़ती गई, और उनके डॉक्टरों को 18 फरवरी को निमोनिया से पीड़ित होने का पता लगा। करीब 38 दिनों तक अस्पताल में रहने के बाद, पोप अपनी रिकवरी जारी रखने के लिए कासा सांता मार्टा स्थित अपने वेटिकन निवास पर लौट आए थे। पोप फ्रांसिस को अक्सर सांस की बीमारियों का सामना करना पड़ा, यहां तक कि इन्फ्लूएंजा और फेफड़ों की सूजन के कारण नवंबर 2023 में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की पूर्व नियोजित यात्रा भी रद्द करनी पड़ी थी। ईसाइयों के पवित्र पर्व ईस्टर के अगले दिन उनके निधन से ईसाई जगत शोकाकुल है। सोमवार की सुबह पौने दस बजे अपोस्टोलिक चैंबर के कैमरलेंगो, कार्डिनल केविन फैरेल ने कासा सांता मार्टा से पोप फ्रांसिस की मृत्यु की घोषणा की। अपने वह मूलत: अर्जेंटीना के रहने वाले थे। पोप की पदवी हासिल करने के पहले उनका नाम जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो था।

(लोकदेश डेस्क/ एजेंसी)